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Showing posts from March, 2023

Re Kabira 081 - राम राम राम नाम

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  --o Re Kabira 81 o-- राम राम राम  नाम राम राम राम राम, राम नाम राम नाम राम राम राम राम, राम नाम राम नाम सुख देवे राम नाम, दुःख लेवे राम नाम  जीतों में राम नाम , रीतों में राम नाम  भटके तो राम नाम, अटके तो राम नाम बिछड़े तो राम नाम, बिगड़े तो राम नाम राम राम राम राम, राम नाम राम नाम राम राम राम राम, राम नाम राम नाम कष्ट हरे राम नाम, जन्म तरे राम नाम भक्ति दे राम नाम, शक्ति दे राम नाम ऋद्धि दे राम नाम, सिद्धि दे राम नाम प्रीत है राम नाम , मीत है राम नाम राम राम राम राम, राम नाम राम नाम राम राम राम राम, राम नाम राम नाम चिदानंद है राम नाम, सदानंद है राम नाम तदन्तर है राम नाम, अनन्तर है राम नाम, अनुभूति है राम नाम, भवभूति है राम नाम पावन है राम नाम, मनभावन है राम नाम  राम राम राम राम, राम नाम राम नाम राम राम राम राम, राम नाम राम नाम आये ले राम नाम, जाये ले राम नाम, अचल है राम नाम, हर पल है राम नाम कल था कल है राम नाम, कालों काल राम नाम मंगल कारी राम नाम, अमंगल हारी राम नाम  राम राम राम राम, राम नाम राम नाम राम राम राम राम, राम नाम राम नाम कौशल्या के लल्ला राम, दशरथ नंदन राम राम  हनुमंत हृ

Re Kabira 080 - मन व्याकुल

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  --o Re Kabira 080 o-- मन व्याकुल मन व्याकुल क्यों विचलित करते, ये अनंत विचार झंझोड़ देते क्यों निर्बल करते, ये अंगिनत आत्म-प्रहार प्रबल-प्रचंड-उग्र-अभिमानी,   झुकते थक कर  मान हार चक्रवात-ओला-आंधी-बौछाड़ रूकती, रुकते क्यों नहीं ये व्यर्थ आचार क्यों टोकते, क्यों खट-खटाते, स्वप्न बनकर स्मिर्ति बुनकर ये दुराचार कहाँ से चले आते क्यों चले आते, ये असहनीय साक्षात्कार केवल ज्ञान-पश्चाताप-त्याग-परित्याग, भेद न सके चक्रव्यूह आकार कर्म-भक्ति-प्रार्थना-उपासना, है राह है पथ नहीं दूजा उपचार मन व्याकुल क्यों विचलित करते, ओ रे कबीरा... ये अनंत विचार राम नाम ही हरे, राम नाम ही तरे, राम नाम ही जीवन आधार आशुतोष झुड़ेले Ashutosh Jhureley @OReKabira   --o Re Kabira 80 o--

Re Kabira 079 - होली 2023

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  --o Re Kabira 079 o-- बुरा न मानो होली है   छिड़को थोड़ा प्यार से तो सारे रंग ही रंग है जो ज़रा सी भी कड़वाहट न हो तो प्रेम अभंग है पकवानों में, मिठाईयों में, वैसे तो स्वादों  के  रंग ही रंग है  जो कोई द्वारे भूखा न सोये तो मानो जीती ये जंग है हँसते मुस्कराते चेहरों में खुशियों के रंग ही रंग है जो सभी के पुछ जायें अश्रु तो सच्ची उमंग है दूर-दूर तक गाने बजाने में जोश के रंग ही रंग है  जो हम अभिमान के नशे धुत्त न हों तो स्वीकार ये ढंग है  छेड़खानियों में, चुटकुलों में तो हास्य रंग ही रंग है  जो बदतमीज़ी जबरजस्ती हटा दी जाये तो असली व्यंग है? भीगे कपडों में लिपट पिचकारी में लादे सारे रंग ही रंग हैं  जो एक प्याली चाय और पकोड़े हो जायें तो दूर तक उड़े मस्ती की पतंग है  घर-परिवार, मित्र-दोस्तों के साथ त्योहार मानाने में रंग ही रंग है  जो थोड़ी भक्ति मिला दें, आस्था घोल दें तो होली नहीं सत संग है  हम सब दूर सही पर संग हैं तो हर तरफ़ रंग ही रंग है  जो रूठ कर घर में छुप कर बैठे तो जीवन बड़ा बेरंग है  गिले-शिकवे मिटा लो देखो फिर होली के रंग ही रंग है  बुरा न मानो होली है तभी तो सदैव से उत्तम प्रसंग है  .