Re Kabira 047 - अदिति हो गयी १० की
![Image](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjwHh8l09UAT8lWkcvj3jpRtlWhZ72UVmXuulA70fGlKY3l53VMJPVgbOgrM0jUCkNQYRCv9ADzC4ic8gspWSL-w7bjvk_3QZZ1tdnVZiXKE4EPwmNCIbMkuPtu-9-QM5kf_YhhbTj_f70/s400/Aditi10.jpg)
-o Re Kabira 047 o-- अदिति हो गयी १० की लगती बात यूँही बस कल की, जब आयी थी अदिति गोद पर लो जी बिटिया हमारी हो गयी १० की, अब भी कूदे मेरी तोंद पर बन गया था अदिति का दादा, नाम चुना जब आदित ने तुम्हारा कहती है आदित को दादा, तुम्हारी दादागिरी पर कुछ करे न बेचारा आयी तो थी बन कर छोटी गुड़िया, पर निकली सबकी नानी हो तुम ४ फुट की पुड़िया, करे मनमानी जाने बात अपनी मनवानी कभी गुस्से में कभी चिड़चिड़ के, हम डरते हैं गुबार से तुम्हारी कभी चहकती कभी फुदकती, हर तरफ गूंजे खिलखिलाहट तुम्हारी आदित की दिति मम्मा की डुइया, पापा को लगती सबसे दुलारी दादा-दादी-नानी की अदिति रानी, शैतानी लगे सबको तुम्हारी प्यारी क्यों इतनी जल्दी बढ़ रही हो भैया, थोड़ा रुक जाओ अदिति मैया लो जी बिटिया हमारी हो गयी १० की, अब भी कूदे मेरी तोंद पर भैया *** आशुतोष झुड़ेले *** -o Re Kabira 047 o--