Re Kabira 0070 - अभी बाँकी है

--o Re Kabira 070 o--

अभी बाँकी है

कभी ठहाके कभी छुपी हुई मुस्कुराहटें, हँसते हँसते रोना अभी बाँकी है
कुछ किस्से कुछ गप्पें, कुछ नयी और बहुत सी पुरानी कहानियाँ सुनना अभी बाँकी है 
हमने तो आप लोगों को पूरी तरह परेशान करा, आपका थोड़ा तो बदला लेना अभी बाँकी  है 
काफ़ी पिटाई करी खूब कान मरोड़े, अक्ल अभी भी हमको न आयी, 
...और डाँट खाना अभी बाँकी है

हम लोगों को आपने जैसे तैसे निबटा दिया, हमारी अंग्रेज औलादों को निबटना अभी बाँकी है 
खूब पैसे जोड़ लिए, खूब बचत कर ली, हमारे लिए ... अपने ऊपर कुछ खर्चना अभी बाँकी है 
बहुत भागा-दौड़ी, चिंता विंता हो गयी, कुछ पल फुर्सत से बिताना अभी बाँकी है 
कसर कोई छोड़ी नहीं हमारे लिए, हमारी परीक्षा तो अभी बाँकी है

बहुत से चुटकुले, बहुत सी अटकलें, आपका बहुत सी महफ़िलों को चहकाना अभी बाँकी है
अहिल्या की कहानियाँ चल ही रही है, हमारे पप्पू के कारनामे सुनना अभी बाँकी है 
अकेले चाय पीने में बिलकुल मज़ा नहीं आता, खूब चाय पीना अभी बाँकी है 
आपकी मुस्कराहटों पर आपकी हँसी पर लाखों न्योछारावें अभी बाँकी है 

बहुत सारा प्यार और उससे ज्यादा आपका आशीर्वाद अभी बाँकी है 
ये तो बस trailer था. picture  पूरी अभी बांकी है 
बाँकी सब तो ठीक है, uncle का आपके लिए कोहिनूर लाना अभी बाँकी 
बस आप लोग ऎसे ही स्वस्थ रहें, और बहुत सी पार्टियां अभी बाँकी है 

आज तो golden jubilee है, diamond फिर platinum jubilee अभी बाँकी है 
कभी ठहाके कभी छुपी हुई मुस्कुराहटें, हँसते हँसते रोना अभी बाँकी है

Happy Anniversary


आशुतोष झुड़ेले
Ashutosh Jhureley
@OReKabira

--o Re Kabira 070 o--

Most Loved >>>

क्यों न एक प्याली चाय हो जाए - Re Kabira 091

मिलना ज़रूरी है - Re Kabira 092

Re kabira 085 - चुरा ले गये

Re Kabira - सर्वे भवन्तु सुखिनः (Sarve Bhavantu Sukhinah)

Re Kabira 0068 - क़ाश मैं बादल होता

Re Kabira 086 - पतंग सी ज़िन्दगी

Re Kabira 084 - हिचकियाँ

Re Kabira 087 - पहचानो तुम कौन हो?

Inspirational Poets - Ramchandra Narayanji Dwivedi "Pradeep"

Re Kabira 083 - वास्ता