Re Kabira 054 - इतनी जल्दी थी
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इतनी जल्दी थी
जाने की इतनी जल्दी थी सीधे ख़ुदा से क्यों बात कर ली,
जिस तरह चले गए ऐसी कोई भी बात इतनी बड़ी थी भली।
इतनी तेज भागते रहे की साँस लेने फ़ुरसत मिली ही नहीं,
न तुमने देखा न तुमको देखा कब कदम थम गए बस वहीं।
चिल्लाए तो बहुत पर आवाज़ पलट कर आयी ही नहीं,
हज़ारों दोस्त हैं पर एक को भी तकलीफ़ दिखाई दी नहीं।
सारे दोस्त मुज़रिम हैं क्यों कल उससे बात नहीं कर ली,
जाने की इतनी जल्दी थी सीधे ख़ुदा से क्यों बात कर ली।
आशुतोष झुड़ेले
Ashutosh Jhureley
He couldn’t find someone to talk only option was to meet the God. All the friends are now feeling guilty why they didn’t speak with him yesterday.
#MentalHealthMatters #RIPSSR #JustTalk
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